क्या कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक होगी ? क्या लोकडाउन इसका इलाज है !

लोगो की लापरवाही को दखते हुए सरकार और प्रशासन जोर सोर से सख्ती में है । बता दे कि कोरोना के नए केस तेज़ी से अपने पैर पसार रहा है और पूरी दुनिया में इसको रोकने के लिए वैक्सीन ओर होम क्वारंटाइन,  लोकडाऊन  जैसे इलाज की कोशिस की जा रही है । अगर हम इसी तरह लापरवाह होते रहे तो ये दूसरी लहर बहुत खतरनाक साबित हो सकती है ।

ये कोरोना अब एक साल के लोकडाउन के बाद अपना नया रूप दिखा  रहा है अगर इत्तिहास को देखे तो इत्तिहास कहता है हमे सतर्क रहना चाहिए  (ब्लैकटर्न, स्पनिष्फलु, स्वाइनफ्लू,) जब आया था वो भी एक दौर था । वह एक महामारी  थी ’19’ वी सताब्दी में जब स्वाइनफ्लू आया था तब  लोगो को पता ही न था महामारी होती क्या है । महामारी भी थीं लेकिन   सक्रमण कोरोना से कम खतरनाक थे ‘आम’ तौर पर कहा जाता है और विशेषज्ञों की माने तो उस समय महामारी की दूसरी लहर में ज्यादा लोगो की मौत हुई । कितनी हुई इसकी ठीक जानकारी देना मुश्किल है लेकिन कभी भी 2 महामारी एक जैसे नही होते । 19 वी सताब्दी में इलाज के लिए तकनीक भी नही थी लेकिन इसका इलाज सम्भव हुआ ।

लोगों की लापरवाही और कई शहरों में सार्वजनिक तौर पर होली मनाई गई होली का आनंद लेना वहां पर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नही  थे और  कोविड नियम  का उल्लंघन किया गया । अगर फरबरी और मार्च की बात करें तो देखा गया चुनाव में भी लोगों की लापरवाही हो रही थी  किस  तरह लाखों लोग संख्या में एकजुट हो रहे थे  ओर नारे लगा रहे थे । होली में भी लोगों ने जमकर खुशियां मनाई दूसरी तरफ हैंड सेनीटाइजर का इस्तेमाल कम हो गया । लोग कोरोना थोड़ा कम होने के बाद सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम में इकट्ठा होने लगे , वायरस के प्रति निश्चित होकर काम कर रहे हैं और विशेषज्ञों का कहना है अगर ऐसा ही चलता रहा तो यह दूसरी लहर  खतरनाक साबित हो सकती है।

यह भी देखा गया है कि पश्चिमी देश में कोरोना ने प्रशासन को हिला कर रख दिया था । इसका कुप्रभाव   लोगो के मन में डर पैदा कर दिया। इससे पता चलता है कि लोग कितने लापरवाह होते जा रहे हैं और कोरोना के प्रति  निश्चित होते जा रहे हैं । पश्चिमी देशों में कोरोना का प्रभाव इतना बढ़ गया था कि वहां पर दवाईओं का असर भी कम होने लगा कोरोना  के नए  वैरिएंट बने और वह खतरनाक साबित हुए

वैक्सीन्स को लेकर लोगो के मन में बहुत प्रश्न है लेकिन वैक्सीन को कोरोना से लड़ाई में एक बेहतर और बड़ा हथियार बताया गया है ।
इससे बनने वाले इम्यून सिस्टम बहुत प्रभावकारी ओर लाभदायक साबित हो रही है !  कई विशेषज्ञ कि माने तो उनका कहना है वैक्सीन का प्रभाव दिखने में समय लगेगा। जब तक एक अच्छे सख्यां में लोगो को वैक्सीन न लगे तब तक प्रभाव कम होगा !

वैक्सीन के लिए लोगो को ज्यादा से ज्यादा आगे  आना चाइये इसमे कोई सन्देह का प्रश्न ही नही उठता और न ही डरने की जरूरत है ।

ज्योति अग्रवाल

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