इंटीरियर डिजाइनर आत्महत्या मामले में रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नबगोस्वामी को जमानत

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक आत्महत्या मामले में रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को जमानत दे दी है. कोर्ट ने 50 हजार के निजी मुचलके पर अर्नब गोस्वामी को रिहा करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अर्नब गोस्वामी की ओर से दिग्गज वकील हरीश साल्वे पेश हुए. साल्वे ने कहा, ‘अन्वय नाइक की फर्म पिछले 7 साल से घाटे में डूबी हुई थी. संभव है कि उसने पहले अपनी मां की हत्या की और उसके बाद खुद सुसाइड कर लिया. साल्वे ने दावा किया कि अर्नब गोस्वामी ने सभी बकाये तय समय पर चुका दिए थे. साल्वे ने आरोप लगाया कि रायगढ़ पुलिस ने सुसाइड मामला दोबारा ओपन करने में सही कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया.

सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर कोर्ट इस केस में दखल नहीं देता है, तो वो बरबादी के रास्ते पर आगे बढ़ेगा. कोर्ट ने कहा कि ‘आप विचारधारा में भिन्न हो सकते हैं लेकिन संवैधानिक अदालतों को इस तरह की स्वतंत्रता की रक्षा करनी होगी वरना तब हम विनाश के रास्ते पर चल रहे हैं. अगर हम एक संवैधानिक अदालत के रूप में कानून नहीं बनाते और स्वतंत्रता की रक्षा नहीं करते हैं तो कौन करेगा?’

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि ‘हो सकता है कि आप उनकी (अर्णब) विचारधारा को पसंद नहीं करते. मुझ पर छोड़ें, मैं उनका चैनल नहीं देखता लेकिन अगर हाईकोर्ट जमानत नहीं देती है तो नागरिक को जेल भेज दिया जाता है. हमें एक मजबूत संदेश भेजना होगा. पीड़ित निष्पक्ष जांच का हकदार है. जांच को चलने दें, लेकिन अगर राज्य सरकारें इस आधार पर व्यक्तियों को लक्षित करती हैं तो एक मजबूत संदेश को बाहर जाने दें.’

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