हारने वाला भारत का शिक्षा मंत्री और जितने वाला राज्य का, जानिये यह रोचक कहानी

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी केबिनेट का विस्तार किया है। इसमें बहुत नये चेहरे शामिल किये गये है। कुछ पुराने मंत्रियों के प्रोटफॉलियो बदल दिये गये है। ओड़िशा के धर्मेद्र प्रधान मोदी मंत्री मंडल मे पावरफुल मंत्री के तौर पर जाने जाते है। केंद्र सरकार में पेट्रोलियम मंत्री रह चुके धर्मेद्र प्रधान को भारत का नया शिक्षा मंत्री बना दिया गया है।
आज हम आपके सामने उनकी शिक्षा के समय की कुछ रोचक बात लारहे है। यह बात सिर्फ कुछ लोगों को ही पता होगी।
बात उस समय की है जब वर्तमान के केंद्र मंत्री धर्मेद्र प्रधान शिक्षा हासिल करने भुबनेश्वर स्थित वाणी विहार विश्वविद्यालय में दाखिल हुए थे। 1988 तालचर कॉलेज से ग्रेजुएशन पास कर एमए की पढ़ाई के लिए वाणी विहार विश्वविद्यालय में उन्होंने दाखिला लिया था। 1990 में उन्होंने विश्वविद्यालय के चुनाव में हिस्सा लिया था। सभापति के पद के लिये उन्होंने चुनाव लड़ा था। उसी चुनाव में उनके विपक्ष में थे अरुण साहू । यह अरुण साहू कोई और नही वर्तमान ओड़िशा के शिक्षा मंत्री तथा नयागढ़ के विधायक है ।
1990 में हुये विश्वविद्यालय के चुनाव में वर्तमान केंद्र शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान को हार का मुंह देखना पड़ा था , और वर्तमान ओड़िशा के शिक्षा मंत्री अरुण साहू ने जीत हासिल की थी।
अगर हम 31 सालों बाद राजनीति के मैदान पर देखें तो 1990 में शिक्षा प्राप्त करते समय चुनाव में हारने वाला आज भारत का शिक्षा मंत्री और जितने वाला राज्य का शिक्षा मंत्री है।
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