अनुकरणीय कोरोना रोगी सेवा डेढ महीने से घर नहीं गये डोक्टर , बूढे रोगी पिता की फोन से सेवा ,पिछली लहर में खुद आक्रांत थे,नहीं ली छुट्टी

बडंबा,कटक,कोरोना काल में अनेक दिल दहला देने वाली खबरों के साथ सभी को दो चार होना पडा.अनेक अनेक दिल को छू लेने वाली खबरें भी लोगों ने देखी और पढी.
डरके मारे अनेक जगह डोक्टरों ने रोगी को देखा नहीं ,देखे तो छूआ नहीं ,बिना छूए ही प्रेसक्रिप्सन लिख दिया, उपर बालकोनी में डोक्टर बैठे रहे ,रोगी सडक पर खडे रहे ,सुनकर वहीं से दवा लिख दिये ,पैसे छोटी टोकरी के माध्यम से लेलिये इत्यादि.
इनसब के ठीक उलट इस भयंकर जानलेवा कोरोना महासंक्रमण के काल में ऐसे भी एक डोक्टर हैं, जो बडे ही सेवा, समर्पण भाव से दिनरात कोरोना रोगियों की बडंबा कोविद केयर सेंटर में सेवा कर रहे हैं,ऐसे परम सेवा भावी डोक्टर का नाम है उदय रंजन दास .
डोक्टर साहब का घर बडंबा कोविद केयर सेंटर से केवल 30 किलोमीटर की दूरी पर आठगढ में है.इतना नजदीक घर होते हुए भी,घर में पूरा परिवार ,स्त्री, बच्चे, बूढे माँ बाप ,यहाँ तक कि घर में बूढे पिता बीमारी की हालात में रहते हुए भी ,डोक्टर साहब कोरोना की दूसरी लहर में डेढ महीने के अंदर एकबार भी घर नहीं गये,रोगी सेवा के लिए वहीं कोविद केयर सेंटर में रहकर दिनरात सेवा देरहे हैं.
गौरतलब है कि इन्हीं डोक्टर साहब ने पिछली साल की कोरोना लहर में खुद कोरोना से आक्रांत होते हुए भी ,बीच बीच में ओक्सिजन खोलकर रोगियों की सेवा की.पूरे 5 महीने घर को नहीं गये एकबार भी ः
ऐसी अनुकरणीय सेवा, उत्कर्ष सेवा प्रदान की है डोक्टर उदय रंजन दाश ने.जितनी तारीफ की जाये,कम है.