कोरोना में घोषित मौत से ज्यादा वास्तविक मौत ,पूरी ओडिशा में दिखाई गयी कम मौतें

भुवनेश्वर, कटक,पूरे ओडिशा में भयंकर कोरोना काल में जितनी कोरोना जनित मौत हुई है,उसमेंसे अधिकांश मौत को कोरोना से मौत दिखाया नहीं गया है.सरकारी मशीनरी ने कोरोना मौतों को छिपाने का ,कम दिखाने का भरसक प्रयास किया है.

बडे बडे शहरों में अनेकों श्मशान घाट होते हुए भी सरकार ने केवल एक शहर में एक ही श्मशान घाट को चुना ,कोरोना महामारी रोगी के शव के अंतिम संस्कार के लिए.

भुवनेश्वर में सत्यनगर श्मशानघाट को कोविद शवसंस्कार के लिए सरकार ने चुना है,वहाँ जितनी मौतें कोरोना काल के दूसरी लहर में शवसंस्कार के जरिए दिखाई गयी है,वह वास्तविक मौतों से काफी कम दिखाई गयी है.3978 मौतों में सिर्फ 663 मौतें ही कोरोना से हुई,ऐसा यहाँ का सरकारी आँकडा कहरहा है.

ठीक इसीतरह का हाल कटक के सतीचौउरा श्मशानघाट का भी है.सतीचौउरा के श्मशानघाट में कोविद शवसंस्कार होचुके हैं 26 दिन में 711.इसी शवसंस्कार के फिगर को राज्य सरकार दिखा रही है 267 तथा जिला प्रशासन दिखा रहा है317 ,अर्थात जिला प्रशासन तथा राज्य सरकार के आँकडे भी मैच नहीं खारहे.दोनों ही वास्तविक कोरोना जनित मौत को वास्तविक मौत से काफी कम दिखा रहे हैं.

इन दो शहरों का कोविद जनित मौत छिपाने का जो हाल है,वही हाल या इससे भी बुरा हाल पूरे ओडिशा में आजकल देखने को मिल रहा है.भयंकर लापरवाही, खामखियाली सरकारी स्तर पर रोज धडल्ले से होरही है.ऐसे में आम आदमी तो बिचारा राम भरोसे ही है.

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