मास्टरकैंटीन छक से ‘एतिहासिक घोडा’ हटाने का प्रसंग ,बुद्धिजीवी बोले सौंदर्यीकरण नाम से धरोहर की अनदेखी नहीं होनी चाहिए

भुवनेश्वर, राजधानी भुवनेश्वर के मास्टरकैंटीन छक पर स्थापित है
‘एतिहासिक घोडा और योद्धा’ स्थापत्य. यह ओडिशा के शासन का प्रतीक है.

विशिष्ट पत्थर शिल्पी पद्मविभूषण
रघुनाथ महापात्र के द्वारा इसे बनाया गया था.इसे ओडिशा विधानसभा के ठीक सामने मास्टरकैंटीन छक पर स्थापित किया गया था 1988 में.

कई दशकों से यह स्थापत्य कला ओडिशा के लोगों का आकर्षण रही है.अब इसे राजभवन के सामने मधुसूदन दास की प्रतिमा के पास बैठाने की योजना की है स्मार्ट सिटी भुवनेश्वर लिमिटेड ने.

इसके विस्थापन का जिम्मा मिला है ,बीडीए को.भुवनेश्वर के अधिकांश बुद्धिजीवी,नेता गण सब इसका जबरदस्त विरोध कर रहे हैं.जटनी के विधायक सुरेश राउतराय का कहना है कि भुवनेश्वर का मतलब मास्टरकैंटीन छक होता है,यहाँ की यह शान है,इसे हटाने पर जोरदार जन आँदोलन छेडा जायेगा.